खरसावां गोलीकांड को जानें
1947 में आजादी के बाद पूरा देश राज्यों के पुनर्गठन के दौर से गुजर रहा था. तभी अनौपचारिक तौर पर 14-15 दिसंबर को ही खरसावां व सरायकेला रियासतों का विलय ओड़िशा राज्य में कर दिया गया था. औपचारिक तौर पर एक जनवरी को कार्यभार हस्तांतरण करने की तिथि मुकर्रर हुई थी.
शहीदों की संख्या बताने वाला कोई सरकारी दस्तावेज नहीं
खरसावां गोलीकांड में शहीद हुए लोगों की संख्या बताने वाला कोई सरकारी दस्तावेज सरकार के पास नहीं है. खरसावां या सरायकेला थाना में इससे संबंधित कोई प्राथमिकी या अन्य दस्तावेज नहीं है. खरसावां गोलीकांड के 73 साल बाद भी अब तक शहीद हुए लोगों की वास्तविक संख्या का पता नहीं चल सका है. आजादी के बाद यह देश का सबसे बड़ा गोलीकांड था. जांच के लिए ट्रिब्यूनल बनाये गये, लेकिन उसकी रिपोर्ट कहां गयी आज तक पता नहीं चल सका. इस घटना के कुछ दिन बाद सरायकेला और खरसावां को ओडिशा से अलग कर बिहार में शामिल किया गया.
खरसावां के शहीदों के सम्मान में 4 वर्ष पूर्व शहीद पार्क का निर्माण किया गया है. इस वर्ष श्री झारखंड सीमेंट कंपनी की ओर से CSR के तहत पार्क का सौंदर्यीकरण किया गया है. साथ ही अगले एक साल तक शहीद पार्क के रख- रखाव पर कंपनी हर माह 50 हजार रुपये खर्च करेगी.
1 टिप्पणियाँ
Apne bahut hi achhi jankari pradan ki apko bahut bahut dhanyavad
जवाब देंहटाएंImportant Gyan
अपना विचार रखने के लिए धन्यवाद ! जय हल्बा जय माँ दंतेश्वरी !