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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न // frequently Asked question

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हलबा समाज शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई? // How did the term Halba Soceity originate?

प्रिय, पाठकों आज हम बात करेंगे हल्बा जनजाति के नामकरण कैसे हल्बा हुआ और क्या-क्या कारण हो सकते है हल्बा होने के पीछे उन सभी कारणों पर प्रकाश डालेंगे साथ ही "हल्बा" नामकरण के पीछे कौन कौन सी मिथक कथाएं प्रचलित है उन सभी मिथक कथाओं पर भी चर्चाये करेंगे,, व कुछ सबूतों के रूप में कुछ पुस्तको का सहारा लेंगे जैसे की आप सभी को

रूढ़ी प्रथा क्या है ? // What is customary practice?

मेरे प्यारे आदिवासी भाइयो मै आप लोगो से आज जिस विषय में चर्चा करने वाला हूँ उस विषय को हम अपने परम्परागत रीती रिवाज और संस्कृति का प्रथम चरण भी कह सकते है और जिसे हम रूढ़ी प्रथा के नाम से भी जानते है तो रूढ़ी प्रथा से तात्पर्य है जिसे हमारे पूर्वज आदिकाल से मानते और करते आये है उन संयमित क्रियाकलापों को ही हम रूढ़ी प्रथा कहते है आगे हम इनके

गोटुल व्यवस्था क्या होता है? // What is gotul system?

इसे बस्तर का दुर्भाग्य ही कहा जाना चाहिये कि इसे जाने-समझे बिना इसकी संस्कृति, विशेषत: इसकी आदिवासी संस्कृति, के विषय में जिसके मन में जो आये कह दिया जाता रहा है। गोंड जनजाति, विशेषत: इस जनजाति की मुरिया शाखा, में प्रचलित रहे आये "घोटुल" संस्था के विषय में मानव विज्ञानी वेरियर एल्विन से ले कर आज तक विभिन्न लोगों ने अपने अल्पज्ञान अथवा कहें कि अज्ञान के चलते अनाप-शनाप कह डाला है। और यह अनाप-शनाप इसीलिये कहा जाता रहा है क्योंकि आदिवासी संस्कृति के तथाकथित जानकारों ने इस संस्था

बलि प्रथा का आरंभ कब क्यों और कैसे हुआ ? //When and how did the sacrificial system start?

बलि प्रथा का शूरुआत लगभग आज से हजारो वर्षो पहले हि हो चूका था आदिमानव जब एक समूह में रहकर शिकार करते थे वे जो भी जानवर का शिकार करते थे या उनको मिल जाता था उक्त सिकार को वे खाने से पहले अपने आस्थानुरूप अपने प्राकृतिक संकेतो में कुछ मात्रा अर्पित करते थे व खुशिया मानते थे की चलो आज खाने का प्रबंध हो गया करके और अपने हथियार जिनसे वे शिकार करते थे उस पर भी सिकार की गई जानवर की मांस खून थोड़ी मात्रा में

हल्बी पहाड़ा कब और किसने छपवाया, कहा से खरीदें? // When and who got the Halbi Paha printed, from where to buy?

प्रमुख मुद्दा लेकर आया हुं। और वह मुद्दा है। हमारी समाज की बोली जिसका नाम हल्बी है। हल्बी बोली पहले केवल हल्बा जनजाति में बो​ली जाती थी किन्तु इस भाषा की सरलता, मधुरता एंव सुस्पष्टता के कारण यह अधिक लोकप्रिय भाषा हो गयी , व ​धीरे—धीरे सभी जाति एंव जनजातियों में बोली जाने लगी। और यह धीरे—धीरे बस्तर रियासत की राज भाषा के रूप में बोली व समझी जाने लगी। इस भाषा को राज भाषा का दर्जा देने के पिछे इस भाषा की सरलता स्पष्टता व मधुरता ही नही वरन इस भाषा की भाषिक क्षमता, विशेषता, एंव साहित्यिक गुण

आदिवासियों में मुंडन की शुरुआत कब से हुई? // When did mundan start among the tribals?

यह लेख आदिवासियों में मृत्यु के बाद पारिवारिक सदस्यों का मुंडन क्यों किया जाता है इसके पीछे क्या तर्क है इस पर यह लेख सादर प्रस्तुत है इससे पहले भी इस विषय पर मै यह लेख लिख चूका था परन्तु वर्तमान में ढूंढने पर वह लेख मुझे प्राप्त नही हुआ वा यह प्रश्न ग्रुप के माध्यम से पुनः पूछा गया इस लिए इसे दोबारा लिख रहा हूँ जैसा की आप सभी को पता ही है हमारे पूर्वज न तो ज्यादा पढ़े लिखे थे और न

अक्ति तिहार कैसे मानते है?// How is the Akti festival celebrated?

पहेली पइत मा मौसम के पता लगाएं के कई ठन तरकीब रिहिस हे जेन ला समय के साथ भुलात भुलात पूरा भुलागेन नही ते पहली के सियान मन अत्तिक सटीक भविष्यवाणी करे कि पंद्रही बुधवार के पानी गिरही काहय ते वो दिन पानी गिरना तय रहय काबर की पहेली के सियान मनके खगोलीय ज्ञान बहुत

मावली मेला के बारे में जानकारी देंवे?//Will they give information about Mavli Mela?

समूचे बस्तर में प्रसिद्ध इस मालवी मेला में ऐतिहासिकता व परम्परा के साथ आदिवासी संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। इस मावली मेला में क्षेत्र के लोग पूरी आस्था के साथ अपनी और आंगादेव के साथ सहभागिता निभाते हैं। इस दौरान अबूझमाड़ क्षेत्र के आदिम संस्कृति की भी अलग छटा देखने को मिलती है। नारायणपुर के ऐतिहासिक मावली मेला की ख्याति न केवल देश बल्कि विदेशों तक फैली हुई है। इसी के फलस्वरूप इस मावली मेला को देखने के लिए न केवल देश के विभिन्न प्रांतों से लोग आतेहै वरन् विदेशों से भी सैलानी मावली मेला में

दंतेश्वरी माँ से सम्बंधित कौन कौन सी दंतकथा प्रचलित है? //Which legend is popular related to Danteshwari Maa?

मां दन्तेश्वरी की किवंन्दती कौन सी सही व कौन सी केवल कहानी मात्र है। अभी वर्तमान में कहना कठिन है क्योकि कोई सा भी किवंन्दती की ठोस सबुत नही है। जिसके चलते विद्वानों में मतभेद की स्थिति है। एैसा भी माना जाता है। कि मां दन्तेश्वरी नेताम बेटी है। यह महज कल्पना ही मालूम पडता हैं कौन सी बात मे कितनी सच्चाई है। इसलिए शोध की अति आवश्यक है। ताकि मतभेद दुर हो और दुध का दुध और पानी का पानी हो जायें

संस्कृति और संस्कृतिकरण में क्या अंतर है?// What is the difference between culture and civilization?

हल्बा संस्कृति नमस्कार दोस्तों आप लोगों से 1 बात पर काफी दिनों से चर्चा करने की सोच रहा था। आप लोगो ने 1 शब्द जरूर सुने होंगे संस्कृति ये आखिर क्या होता है ।। चलो जानते है आज और संस्कृतिकरण क्या होता है उसे भी जानने का प्रयास करते है।। संस्कृति :- किसी समाज में गहराई तक व्याप्त गुणों के समग्ररूप का नाम है, जो उस समाज के सोचने, विचारने, कार्य करने, खाने-पीने, बोलने,नृत्य,गायन,साहित्य,कला,वास्तुआदि में परिलक्षित होती है।

कुरवर क्यों बनाया जाता है ?// Why is Kurwar made?

सभी प्रिय स्वजातीय बंधुओ को मेरा सादर जय जोहार आज के चर्चा का विषय है रीतिरिवाज के अंतर्गत आज हम जिस बिंदु पर चर्चा करने वाले है वह बिंदु है कुर्वर क्यों बनाया जाता है यह प्रश्न हमारे एक भाई ने किया था की हमारे समाज में शादी से पहले कुर्वर क्यों बनाया जाता है उसके पीछे

धनकुल (जगार)के बारे में जानकारी दीजिये ?//Give information about Dhankul (Jagar)?

प्रिय स्वजातीय सामाजिक बंधुओ आप लोगों से जैसे चर्चाय हुई जिसमें प्रश्नों में पूछा गया की हमारे हल्बा जनजाति का लोक गीत क्या है? पर लगभग 10300 सदस्यों में केवल 1 या दो सदस्य ही सही उत्तर दिए यह बहुत ही अपसोस की बात है कि हम बड़े बड़े शिक्षा और संस्कृति की बात करते है पर हमें खुद की संस्कृति का चंद बाते भी नही पता इसलिए हमें अपनी संस्कृति की खोज पहले की जानी चाहिए नही तो हमें हमारी आने वाली पीढ़ी पूछेगी और हम बस मुह ताकते रह जायेंगे जैसे की हमारे कुटुंब ग्रुप में कई बार कुछ-कुछ छोटी छोटी प्रश्न पूछी जाती है और

हल्बी बोली(भाषा) के बारे में जानकारी दीजिये? // Give information about Halbi dialect (language)?

हल्बी बोली (भाषा) के बारे में जानने से पहले हमे विश्व की भाषा और भाषा विज्ञान की कुछ जानकारियां होनी बहुत ही जरुरी है| भाषा वैज्ञानिको ने अपने सुविधा के लिए विश्व के सभी भाषाओ को कई प्रकार से विभाजित किया है उन्ही में से एक प्रकार है

हल्बा समाज में शक्ति दिवस क्यों मनाते है? // Why is Shakti Day celebrated in Halba society?

प्राचीन समय से हमारे समाज में एकता होते हुए भी हमारे समाजिक वर्ग के रीति-रिवाज और रिश्ते-नाते,संस्कार कार्यो के नियमो[जन्म, शादी, मृत्यु] और धार्मिक निति-नियमो में बहुत कुछ भिन्नताएं व्याप्त थी जिसके कारण कई प्रकार की समस्याये आ रही थी [बेटी-रोटी व एक साथ बैठना-उठना नही होता था, संस्कारो के नियमो में भी भिन्नता

हिन्दू क्या है, कौन है, कैसे है, अर्थ परिभाषा और जानकारी? //What is Hindu, who is it, how is it, meaning definition and information?

नमस्कार दोस्तों जैसा की मैं आप लोगों से पूछा था, की हिन्दू क्या है? हिन्दू धर्म क्या है? हिन्दू नियमावली क्या है ? इन्ही शब्दो को जानने के लिए मैंने विभिन्न माध्यमो से प्राप्त जानकारियों को आप लोगों के साथ साझा कर रहा हूँ जानकारी कैसे लगा जरूर बताये, हिन्दू सम्बंधित जानकारी अर्थ, परिभाषा और अन्य जानकारी आप पढ़ सकते है।।

वीर शिरोमणि गैंदसिंह बाऊ के बारे में जानकारी दीजिये? // Give information about Veer Shiromani Gaindsingh Bau?

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की आजादी की लड़ाई में इस देवभूमि भारत माता के अनेक क्रांतिकारी अमर शहीदों की महत्वपूर्ण भूमिका किसी न किसी रूप में रही है ।वीर कुंवर सिंह ,झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ,भगत सिंह ,सुखदेव ,राजगुरु चंद्रशेखर आजाद जैसे श्रेष्ठ क्रांतिकारियों को छोड़ कर अन्य के विषय में आज की युवा पीढी बहुत कम जानती है ।अंग्रेजी फिरंगियों से सशस्त्र संघर्ष करने वाले इन्हीं क्रांतिकारियों में एक नाम है Tumesh chiram छत्तीसगढ़ के वीर योद्धा गेंदसिंह का जिन्होंने प्रथम स्वाधीनता संग्राम में अंग्रेजों को कड़ी चुनौती दी

दंतेश्वरी कैसे हल्बा समाज की अराध्य देवी बनी?//How did Danteshwari become the deity of Halba society?

उपर लिखे प्रश्न कभी न कभी आपके मन में जरुर आया होगा या अक्सर आता होगा? भाइयो यह लेख एक भाई के कहने पर लिख रहा हूँ, आप लोगो के मन में जो भी संका समाधान या नये प्रश्न आयेंगे उनका भी उत्तर देने की पूरी कोशिश करूँगा जैसा की आप सभी जानते है की हमारे समाज की अराध्य देवी माँ दंतेश्वरी है यह कब से हमारी अराध्य देवी बनी इसको जानने से पहले [एक और प्रश्न जो आपके मन में आया होगा की एकता दिवस मानते है तब से पता चल रहा है की दंतेश्वरी हमारी अराध्य देवी है] थोडा से आप सभी को सरसरी निगाहों से इतिहास के पन्नो से जोड़ना चाहूँगा की ये दंतेश्वरी माँ है कौन? बस्तर के प्रथम काकतीय राजा अन्नदेव ने वारंगल से जब आया तो वारंगल की पेदम्मा [मणिकेश्वरी देवी जो वारंगल में बड़ी माँ के रूप में पूजा जाता है यंहा लाया] तो यंहा पेदम्मा को नया नाम माँ दंतेश्वरी के नाम से जाना गया चूँकि यह एक राज परिवार की कुल देवी थी इसलिए इस पर सभी की आस्था और श्रद्दा बनने लगा चूँकि अन्नम देव अपने विभिन्न कार्यो के संपादन के लिए विभिन्न महतवपूर्ण पदों पर लोगो को नियुक्त

सिन्धु लिपि बनाम गोंडी लिपि के बारे में जानकारी दीजिये ?//Give information about Indus script vs Gondi script?

प्यारे भाइयो आज हम जिस विषय पर चर्चा करने वाले है उस विषय का नाम तो आपने ऊपर पढ़ा ही होगा, तब भी बता देते है आज का विषय है सिन्धु लिपि व गोंडी लिपि का तुलना करना व विभिन्न लेखो व पुस्तकों का सन्दर्भ लेते हुए समीक्षा करना समीक्षा करने से पहले कुछ मूल बातो पर चर्चा कर लेते है जैसे भाषा किसे कहते है व लिपि किसे कहते है व गोंडी लिपि का इतिहास आदि भाषा का परिभाषा :-भाषा वह साधन है जिसके द्वारा हम अपने विचारों को

महिषासुर और भैसासुर में क्यों भ्रमित हो रहे आदिवासी समाज? // Why are tribal societies getting confused between Mahishasur and Bhaisasur?

दोस्तों नमस्कार मै बहुत दिनों से बहुत विचलित था की लोग एक दुसरे की आस्था को चोट करने के लिए कितने हद तक जा सकता है तथा किस प्रकार के तथ्यहीन तर्क दे सकते है कुछ दिनों से भ्रमित होने वाले पोस्ट और पेपर कटिंग देख रहा था तो उसके बारे में जानकारी जुटाना और उनके बारे में लिखने के बारे में सोच रहा था आज टाइम मिलते ही इस तथ्य पर लिखना आरम्भ किया हूँ मै आप लोगो को बताना चाहूँगा की जो

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी क्रांति वीर सुखदेव पातर हल्बा के बारे में जानकारी दीजिये?// Give information about freedom fighter Kranti Veer Sukhdev Patar Halba?

अब इनके रिकार्ड भी ब्रिटिश समय के थाना रिकार्ड में से ढ़ूंढ कर सामने लाये गये हैं। भानुप्रतापपुर के तहसीलदार द्वारा इन क्रांतिकारियों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट तथा सिफारिश प्रस्तुत है, तहसीलदार की विस्तृत रिपोर्ट तथा सिफारिश सहित पातर हल्बा तथा कंगलू कुम्हार के बारे में ठोस सबूत... कार्यालय तहसीलदार भानुप्रतापपुर जिला उत्तर बस्तर कांकेर (छ.ग.) :ज्ञापन: क्रमांक/ /रीडर/तह.2006,भानुप्रतापपुर, दिनांक 25.07.06 प्रति, अनुविभागीय अधिकारी,(राजस्व) भानुप्रतापपुर विषय:- स्व.सुखदेव पातर हल्बा को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी घोषित करने संबंधी। संदर्भ:- 1.विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय रायपुर का पत्र क्रमांक/136/02/वीआईपी/1-7-06,दिनांक 2.3.06 2. अधीक्षक केन्द्रीय जेल रायपुर का पत्र क्रमांक/1399/वारंट/06,दिनांक 13.04.06 संदर्भित विषयांतर्गत लेख है कि पूर्व में दिनांक 20.3.06 को इस कार्यालय द्वारा स्व.सुखदेव पातर हल्बा निवासी भेलवापानी को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी घोषित किये जाने हेतु जाँच प्रतिवेदन नायब तहसीलदार दुर्गूकोंदल

बस्तर के प्रथम विद्रोह हल्बा क्रांति 1774-1779 के बारे में जानकारी दीजिये? // Give information about the first rebellion of Bastar, Halba revolution 1774-1779?

बस्तर के प्रथम विद्रोह हल्बा क्रांति के बारे में आज तक आप लोग केवल संक्षिप्त में पढ़े होंगे परन्तु आज मै आप लोगों को विस्तृत जानकारी देने वाला हूँ Tumesh chiram हल्बा विद्रोह 1774-1779 के बारे में तो आप लोगो को इस विद्रोह से जोड़ने से पहले कुछ इतिहास की ओर ले चलता हूँ फिर धीरे धीरे विषय में जोड़ते ले जाऊंगा तो शुरू करते है हल्बा विद्रोह के बारे में जानना अन्नमदेव ने नाग राज्य के हदयस्थल बारसूर व चित्रकोट पर आकमण कर नाग राजा हरिश्चंद देव एवं चमेली बाई को अंतिम रूप से पराजित किया और 1324 ई. में सम्पूर्ण प्रदेश का एकक्षत्र स्वामी बन गया। अन्नमदेव का राजतिलक बडे डोंगर में हुआ। इसी दिन से डोंगर में राजतिलक की प्रथा चल पड़ी। उनका राजतिलक जिस शिलाखण्ड पर हुआ था वह "गादीपखना" के नाम से प्रसिद्ध है।' लाला जगदलपुरी के अनुसार हल्बा लोगों

परलकोट विद्रोह -1824 -1825 के बारे में जानकारी दीजिये? // Give information about Paralkot Rebellion -1824 -1825?

दिनांक 6-4-1778 अजमेरसिंह के विरुद्ध जैपुर के राजा विक्रमदेव ने दरियावदेव की सहायता की थी। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि इस समय तक जैपुर- राज्य कम्पनी-शासन के अधिकार में चला गया था तथा विक्रमदेव ने विशाखापट्टनम स्थित कम्पनी-शासन के अधिकारी 'चीफ कौंसिल' जान्सन की अनुमति से ही बस्तर पर सैनिक कार्यवाही की थी। ऐसी स्थिति में सन्धि-पत्र के तैयार होते समय विक्रमदेव के अतिरिक्त जान्सन भी वहाँ उपस्थित था। उपर्युक्त सन्धि-पत्र जैपुर के प्रासाद में विद्यमान है। सन्धि-पत्र में अधोलिखित बातों का उल्लेख है (A. Vadivelu, The Ruling Chiefs, Nobles and Zamindars of India, Vol.l, Madras 1915, 460)। (क) सन्धि-पत्र के अनुसार बस्तर के राजा को कोटपाड़-परगना

लिंगो पेन और गोंड जनजाति की उत्पत्ति के बारे में जानकारी दीजिये? //Give information about the origin of Lingo Pen and Gond tribe?

वर्तमान नारायणपुर जिले में रावघाट की पहाड़ियों की जो श्रृंखला है, उसी क्षेत्र में कभी सात भाई रहा करते थे। वह क्षेत्र 'दुगान हूर ` के नाम से जाना जाता था। उन सात भाइयों में सबसे छोटे भाई का नाम था 'लिंगो`। अपने छहों भाइयों की तुलना लिंगो शारीरिक, बौदि्घक, आदि सभी दृष्टि से बड़ा ही शि तााली और गुणी था। कहते हैं वह एक साथ बारह प्रकार के वाद्ययंत्र समान रूप से बजाता लेता था। खेत-खलिहान तथा अन्य काम के समय सभी छह भाई सवेरे से अपने- अपने काम में चले जाते थे। छहों भाइयों का विवाह हो चुका था। लिंगो सभी भाइयों का लाड़ला था। न केवल भाइयों का बल्कि

आदिवासी समाज में टोटम व्यवस्था किस प्रकार होता है? // How is the totem system in tribal society?

टोटेम किसी समाज के उस विश्वास को कहतें हैं जिसमें मनुष्यों का किसी जानवर, वृक्ष, पौधे या अन्य वस्तूसे सम्बन्ध माना जाए। 'टोटम' शब्द ओजिब्वे (Ojibwe) नामक मूल अमेरिकी आदिवासी क़बीले की भाषा के 'ओतोतेमन' (ototeman) से लिया गया है, जिसका मतलब 'अपना भाई/बहन रिश्तेदार' है। इसका मूल शब्द 'ओते' (ote) है जिसका अर्थ एक ही माँ के जन्में भाई-बहन हैं जिनमें ख़ून का रिश्ता है और जो एक - दूसरे से विवाह नहीं कर सकते। ➡ अक्सर टोटम वाले जानवर या वृक्ष का उसे मानने वाले क़बीले के साथ विशेष सम्बन्ध माना जाता है और उसे मारना या हानि पहुँचाना वर्जित होता है, या फिर उसे किसी विशेष अवसर पर या विशेष विधि से ही मारा जा सकता है। कबीले के लोग अक्सर उसे क़बीले की चिह्नों

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