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हमारा समाज पीछे क्यों है भाई hamara samaj pichhe kyo hai

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    आखिर हमारा समाज पीछे क्यों है भाई?

    हमारा समाज पीछे क्यों है पीछे क्यों है ये तो सब कहते है और साथ में ये भी जोड़ देते है की इतना मीटिंग इतना कार्यक्रम फिर भी हमारे समाज में एकता नाम की चीज नही है ?हमारे समाज के यूवा समाज के मीटिंग,कार्यक्रम ,गतिविधि और त्यौहार और अन्य अवसरों पर भाग नही लेते ये प्रश्न केवल हल्बा समाज या केवल आदिवासी समाज का प्रश्न नही है अपितु सभी समाज का यही रोना है जिन्हें हम आज विकशित समाज या विकासशील समाज सोचते है उनका भी यही रोना है ऐसा अकसर सुनने और देखने को मिलता है पर कभी इस पर चिंतन किये है अगर कभी टाइम मिले तो कर लीजियेगा,या जो चिंतन किये है वे इस बात से 100% सहमत होंगे

    समाज के पीछे होने का मुख्य कारण निम्नलिखित है

    1. सामाजिक गतिविधियों के प्रति लोगों की नकारात्मक मानसिकता
    2. सामाजिक गतिविधियों के प्रति लोगों की निष्क्रियता
    3. आपसी बैर भावना
    4. एक दुसरे की बुराई करना
    5. सामाजिक उन्नति के कोई योजना के प्रति नकारात्मक पूर्वाग्रह से ग्रषित मानसिकता
    6.व्यसन और बुरी संगती
    7.अपने हक़ के लिए लड़ना किन्तु कर्तव्य के प्रति कोई जिम्मेदारी नही
    8.विश्वसनीयता की कमी
    ऊपर मैंने कुछ बिन्दुओ को रखा है जो समाज को किसी न किसी रूप में पीछे करने में अपना भूमिका अदा कर रही है या सहायक सिद्ध हो रही है,

    1. नकारात्मक मानसिकता आज हम अक्सर देखते है 

    2 लोग समाज के उन्नति हेतु योजना बनायेंगे तो 4 लोग उस यौजना की असफल होगा ऐसी मानसिकता बना कर 10 लोगों के पास उस योजना की बुराई करेंगे और असफल करने की कोशिश करेंगे और वे अपने कार्य में सफल हो गए तो बोलेंगे की हम तो पहले से ही बोले थे, ये योजना काम नही करेंगा करके, और अगर वे योजना को असफल करने में नाकामयाब हो गये तो बोलेंगे थोडा बहुत ठीक है, पर वे कभी नही सोचंगे अपने समाज और अपने हित हेतु कार्य हो रहा है ऐसी मानसिकता को हटाना है तभी समाज उन्नति करेंगा चाहे वो कोई भी समाज हो सब से पहले नकारात्मक सोच को हटाकर कोई भी योजना है उस पर एक साथ सब को मिल कर हाँथ बढ़ाना है तो कोई भी कार्यक्रम और योजना असफल नही होगा ,बोलते भी है न अगर कोई अच्छा काम कर रहा है तो 10 लोग बुरे करेंगे और कोई बुरा कर रहा है तो कोई नही बोलेगा, शायद इसलिए कोई अच्छा काम करता है उसे कोई नही जानता है और जो बुरा काम करता है उसे  सब जान जाते है, इसीलिए तो दूध बेचने वाला को घर घर जाना पड़ता है और शराब बेचने वालो को कंही नही जाना पड़ता,,

    2. कोई भी सामाजिक गतिविधि या कार्यक्रम होता है वंहा लोग इस मानसिकता से जाते है की वंहा जा के बस बैठना है सुनना है वो लोग बताएँगे, हमको क्या? जिस दिन लोग यह मानसिकता को हटा कर यह सोचकर सरिक होंगे की हमारा कार्यक्रम है हमको इस कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर भाग लेना है और कार्यक्रम में हमसे जो भी सहयोग बन सके करना है,ये कार्यक्रम हमारा है किसी भी प्रकार की कोई कमी न हो कार्यक्रम को सफल बनाने का अथक प्रयास करेंगे तो कोई भी सामाजिक कार्य का परिणाम लाभ 100% सफल होगा |


    3.आपसी बैर भावना

     हर समाज में देखने को मिलता है और जिस दिन लोग एक दुसरे से जलन की भावना त्यागेंगे उस दिन समाज को उन्नति के पथ में अग्रसर होने से कोई नही रोक सकता कहते भी है न समाज के लोग खिचाई अच्छा कर रहे है बस उन्हें नही पता खीचना किसे है? “जिस दिन लोग टांग के जगह हाथ खीचना शुरू कर दिए न समाज दोगुना 

    रफ्तार 

    से आगे बढेगा”


    4. उन्नति के लिए योजना

    जब हम समाज के उन्नति के लिए योजना और रुपरेखा तय करते है या समाज के लिए कुछ करना चाहते है तो कई लोग बुराई करते है बड़ा आये है हुसियारी मारने के लिए ऐसा बात सुनने को मिलता है, और हमारे बारे में गलत जानकारी लोगों के बीच पहुँचाना भी शुरू कर देते है| कई बार ऐसी स्थिति में हम निराश होकर सामाजिक कार्य करने से तौबा भी कर लेते है पर जो सच्चा समाजिक कार्यकर्ता है वो लाख बेइज्जती सुनने के बाद भी समाज से जुडा रहता है| जिनको समाज से लगाओ हो वो जुडा रहता है पर उस उत्साह के साथ कार्य कर पाने में सक्षम नही हो पाता| और बुराई कोई अन्य समाज का भाई नही अपितु अपने समाज के लोग ही करते है यही सबसे रोने वाली बात है| कहते भी है न “जब चार झने मिल के करेंगे तेरे बुराई तो समझ लेना बेटा तू मचा रहा है तबाही”
    पर हमारे घर वालो की कान में पता चल जाता है की अमुक आदमी आपके यंहा के दादा के बारे में ऐसा बोल रहा था Tumesh chiram   तो घर वाले सामाजिक कार्य करने को भी मना कर देते है और उनके जगह कोई भी होगा तो वो मना करेगा ही


    5. हमारे मानसिकता

     में पहले से ही कोई भी योजना या परिवर्तन सफल नही होगा वाली पूर्वाग्रह विचार घर कर गया है उस विचार को त्याग कर चलो कुछ नया समाज के उन्नति के लिए करते है वाली मानसिकता आ जाये तो समाज उन्नति भी करेगा और एक पक्ष में नही चौमुखी उन्नति करेगा आज तक जो हम सोचे नही होंगे उस पक्ष में भी हमारे समाज का पैर मजबूत होगा बस हमे अपने विचार को बदलना है “हमसे न हो पायेगा या लोग क्या सोचेंगे लोगों का काम है सोचना उनका काम वो करे अपना काम हम” हमे जो भी अपने मन में सामाजिक उन्नति और विकास के लिए कोई भी योजना हो एक बार करके देखना ही चाहिए ताकि बाद में पछतावा न हो की हमने कोशिश की होती तो शायद परिणाम कुछ और होता वाली पछतावा नही होगा इसके लिए अपने योजना पर एक बार जरुर अमल करे


    6. व्यसन और नशा

    आज हमारे समाज

     के साथ ही साथ सभी के समाज में व्यसन और नशा का लत बहुत विकराल रूप धारण कर लिया है इससे निपटने के लिए सामाजिक नियम थोडा कठिन हो ताकि हमारा समाज नशा मुक्त और उन्नति करने वाला समाज हो और लोग इससे प्रेरणा ले|


    7. हक़ के लिए लड़ना 

    आज हम अक्सर देखते है की लोग अपने जिम्मेदारी से दूर भागते है और अपने हक़ के लिए जी जा लगा देते है जिस दिन अपने जिम्मेदारी के लिए लोग लड़ने लगेंगे उस दिन हक़ अपने आप मिल जायेगा पर ऐसा कभी नही होगा क्योकि हर कोई आज अपने जिम्मेदारी से भाग रहा है जितना हो सके दूर जा रहा है “कहते है न कर्म करो फल की चिंता मत करो” तो जिम्मेदारी हमारा कर्म है और हक़ हमारा फल अगर हम जिम्मेदारी का निर्वाहन सच्ची लगन और मेहनत से करेंगे तो हमारा हक़ कोई नही मार सकता |


    8.विश्वसनीयता की कमी

     कोई यूवा या कोई सामाजिक बंधू समाज के कार्य कर रहा है तो हमको उस सामाजिक बंधू पर विश्वसनीयता कायम रखनी होगी नही तो बेचारा कितना भी अच्छा काम कर रहा है परन्तु कोई कुछ बोल रहा है तो उनके बात को जायदा महत्व देकर उनकी सामाजिक कार्यो को नजर अंदाज करते जायेगे तो वो सामाजिक गतिविधियों से दूर होते जायेगा अगर कोई भी समाज के प्रबुद्ध वर्ग या सामाजिक बंधू के बारे में कुछ भी बोलता है तो पहले निरिक्षण करें तब अपना राय दे ये नही की कोई कुछ भी बोल दिए और आप उन्हें बार बार कटघरे में खड़ा कर रहे है वैसे में कोई सामाजिक बंधू सामाजिक कार्य करने हेतु आगे नही आएगा कोई अगर सामजिक बंधू की बुराई करता है या कोई गलत बात बताता है जो समाज हित में सही नही है तो सबसे पहले उनकी बात में कितनी सच्चाई है पता करें और उस व्यक्ति से सम्पर्क करें की आपके बारे में ऐसा बात हो रहा है सही है या गलत तब अपना कोई भी मत रखे|
    जय माँ दंतेश्वरी जय हल्बा











    // लेखक // कवि // संपादक // प्रकाशक // सामाजिक कार्यकर्ता //

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    Contect Nu.7999054095

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    4 Comments

    1. बहुत खूब सर जी आप की यह लेख समाज को आइना दिखाने का काम कर रही है
      वास्तव मे यह सकारात्मक सोच होना चाहिए!

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    2. अरे यार क्यों दूसरों के विचारों को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहे हो अपने विचार लिखो 😂

      ReplyDelete

    अपना विचार रखने के लिए धन्यवाद ! जय हल्बा जय माँ दंतेश्वरी !

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