मेरे सामाजिक व्हाट्सअप ग्रुप में पूछा गया प्रश्न 1 भाई द्वारा पूछा गया उसका उत्तर नीचे है
डिअर फ्रेंड आपके प्रश्न कुछ इस प्रकार है // समाज को जानने की इच्छा,,समय के साथ समाज उतना विकास क्यों नही कर पा रहा है,,हमारे समाज की उत्पति ,, चाची का पैर छूना,,,मृत्यु भोज,,,समाज की गरीबी को दूर करने समाज आगे क्यों नही आता,,अंतर्जातीय विवाह करने से क्यों बहिस्कृत किया जाता है,,,समाज के बड़े पदअधिकारी के परिवार को जायदा महत्त्व दिया जाता है ,,,नशा मुक्ति,,,शादी के बावजूद किसी अन्य व्यक्ति से संबंध पर दंड,,,,,शादी के बाद बड़ा भाई अलग रहता है उसका दंड,,,माता पिता को छोड़कर पत्नी के साथ अलग रहने पर दंड,,,,,संस्कारो की चादर ओड़ने की कोसिस,,,,,आदि आपका प्रश्न है// डिअर मैं अपने जीवन से जोड़ते हुए आपके तमाम प्रश्नों का उत्तर देने की कोशिश करूँगा ओके,
,मेरा मकसद अपने बारे में बताना या हमदर्दी पाना नही है ओके जी तो चलो स्टार्ट करते है // मैं लगभग ९ माह का था,,..मुझे ढंग से चलना भी नही आता था,, तब से मेरा पिता का देहांत हो गया जी....मेरा पूरा रख रखाव पालन पोषण मेरे माँ की है ,,. बहुत ही बेहतर तरीके से की है हर जिद को पूरी की है,,.यह तक अपने लिए कुछ न करके मेरे हर ख्वाहिस पूरी की है,,.मुझे याद है जब मैं पढता था तब हर साल नई ड्रेस और सबसे पहले अपने कक्षा में मेरा है परीक्षा फ़ीस जमा होता था,,जिनके माँ बाप दोनों है ओ भी इतना जल्दी पैसा जमा नही कर पाते थे परन्तु मेरे माँ मुझे कैसे पढाई ओ ,,..ओ ही अछि तरह जानती है,,../ और आज तक मुझसे कुछ नही चाही है,,./
न पैसा न कपडा न और कुछ ,,./ जैसे हर कोई १ उम्र में गलत संगती में पड़ते है मैं भी ७वि में गलत संगती में पड गया था..,/मेरे माँ मुझे बस १ ही सब्द बोली जो आज तक तेरे पिता जी नही किया ओ काम कभी मत करना[नशा ,और बांकी बुरी चीजे] उस दिन से अब तक ओ कोई काम नही करता जो मेरे पिता जी नही किया ,,. इतना सब करने के बाद मैं अगर अपनी चमड़ी उदेड कर उसके लिए चप्पल भी बनवा दूँ ओ भी कम है,,. कितना कष्ट सह कर मुझे इस काबिल बनाया ओ भी निस्वार्थ ,,..बिना किसी स्वार्थ के और मुझसे केवल १ ही चीज चाहता है
की मैं ..समाज के अन्दर के ही किसी लड़की से विवाह करूँ तो क्या उनका और हर मम्मी पापा का ये ख्वाहिस गलत है क्या की समाज के किसी लड़की से शादी करे,?आप अपनी इच्छा पसंद करो परन्तु सामाज की लड़की से क्या उसका सोच गलत है ?बिलकुल नही ? परन्तु अभी हम माँ बाप नही बने है तो गलत लगता है जब आप बाप बनेंगे तो क्या आप चाहेगे की आपकी बेटी किसी दुसरे समाज के लड़का से शादी करे,ये जरुर बताये ?मैं लगभग ६ वी पड़ता था तब से सामाजिक मीटिंग जाना स्टार्ट किया मेरा भी मन में कई प्रकार की प्रश्न होता था क्यों कैसे कब कंहा ऐसा क्यों वैसा क्यों ?
मीटिंग जाता गया समझता गया सीखता गया जानता गया और सिख ही रहा हू,,,आज तक मेरे पिता कैसा था नही जानता मेरे माँ बाप मेरे माँ ही है,,और मेरे पिता का दर्जा इसके बाद किसी को देता हूँ तो ओ है समाज जन्हा जाकर मैं क्या गलत क्या सही इसका फर्क पता चला,,./अब आप जानते हो की जिनके पिता बचपन से नही है कैसे कैसे संगती में रहते है // जैसा की आप ऊपर ही बोले है इंसान इतना समझदार हो गया है की ओ अछि तरह जानता है की क्या अच्छा है
और क्या बुरा तो क्या समाज बोलेगा की नशा करना बुरी बात है ये बताएगा तब ही नशा छोड़ेगा? तो ये कैसी समझदारी हुई भाई ये सब इन्सान के खुद के हाथ में है की क्या खाना है क्या नही खाना क्या करना है क्या नही करना ,,,समाज को दोष देना गलत है,,,की समाज नशा छोड़ने के लिए नही नियम बनाती ये १ बहाना है अपनी कमी को छुपाने का,,और समाज को दोष देने का की समाज नशा मुक्ति पर कोई नियम दंड नही देती,भाई जब ओ इतना पढ़े लिखे है इतने समझदार है तब भी नशा करने में क्या बुराई क्या नुकसान है ये नही जानते तो उसकी समझदारी किस काम की इससे अच्छा तो अनपढ़ और नासमझ अच्छे है उनकी अपेक्षा जो बिना पढ़े लिखे भी नशा नही करते और नशा की नाश को जानते है ,,भाई जैसा की
नया समझदार शिक्षित यूग की बात आप कर रहे है,,../ तो ये बताइए जो माँ बाप अपने खुसी छोड़कर अपने बेटे/बेटियों की खुसी हेतु अपना सब न्योछावर कर दिए,,तो उनमे इतने समझदारी नही की जो माँ बाप इतने कष्ट से पाले है हर ख़ुशी दी उन्हें पालें ,फिर क्या काम की ऐसी समझदारी और शिक्षा ?,..और बोलेंगे की समाज माँ बाप को छोड़ने वाले को दंड नही देता...,// तो समाज को दोष देना गलत हुआ न ओ तो उनका दाइत्व है न अगर कोई बेटा शादी के बाद अपने माँ बाप को अलग करके खुद अपने बीवी के साथ अलग रहता है//ऐसे लडको के लिए मेरे पास १ ही सबद है नमक हराम जो नमक खा के नमक का फर्ज अदा न करे ओ नमक हराम है//इसमें समाज क्या कहेगा उसको फिर भी समाज में उन माँ बाप की समस्या को सुनती है और रास्ता निकालती है जी,
,,अब बांकी प्रश्नों पर बाते करते है,,,समाज को जानने की इच्छा है तो सामाजिक गतिविधियों में भाग लीजिये मीटिंग और कार्यक्रमों में सक्रीय सहभागिता ले... समाज इतना विकास नही कर पा रहा इसके पीछे १ ही मुख्य करना है समाज का कई टुकडो में बंटा होना है.../ चाची का पैर छूना गलत है क्योकि ओ उम्र में हमसे बड़े व माँ के सामान होती है ? यही बोलना है न आपके तो उसके पीछे तर्क ये है की कभी कभी चाचा से बड़े भतीजा हो जाता है जो उम्र में चाची से बड़े हो जाते है तो उसके पाँव छूना पड़ता था और यही धीरे धीरे छोटे और बड़े दोनो की पाँव छूने की परम्परा बन गई और १ और तर्क है ये जो पूरा ससुर से मजाक नही करते मूढ़ ढकते है,,मामा ,काका ससुर को दूर से पैर छूते है,काकी मामी पैर छूटे है आदि और बहुत सारी रिश्ते है इसके पीछे ये तर्क है की जिन रिस्तो से ऐसा किसी भी प्रकार से पर्दा किया जा रहा है उन रिश्तो से कभी कोई वैवाहिक सम्बन्ध किसी भी इस्थिति में न बन पाए इसलिए है/
और जिन रिश्ते नातो से हम हंसी मजाक करते है १ बार किसी विशेष परिस्तिथि में रिश्ता बन सकता है,.. मृत्यु भोज:-ये जरुरी नही की मृत्यु भोज में पुरे समाज को भोज करवाए आप समाज में अपनी स्थिति बताकर समाज के १ ही प्रतिनिधि को भी भोज करवाते है तो आपके मृत्यु भोज पूरी समाज पा लिया माना जाता है भाई अब ये मत बोलना की मैं अपने माँ बाप ख़त्म होने पर १ आदमी को भी भोज खिलाने के काबिल नही रह पावूँगा करके समाज गरीबो को मदद करने आगे क्यों नही आती इसको जानने से पहले समाज को जानते है सार्टकट में समाज कोई अलग से चीज नही १ ही धर्म जाती व सामान विचार धारा रखने वाले समूह है इसमें अगर हम आदमी को निकाल दे तो समाज का कोई अस्तित्व नही है अब आदमीयाँ खुद किसी की कोई हेल्प नही करना चाहेगा तो समाज कन्हा से हेल्प करेंगा जी न उसका कोई हाँथ है न पैर न कोई प्रत्यक्ष अंग जो भी है सब मनुष्य ही है समाज का करता धर्ता और ओ चंदा नही करते तब तक कन्हा गरीब का हेल्प होगा जी सरकार कोई फंड नही देता समाज के गरीब लोगो के मदद के लिए समाज को जी ,,, तो जो भी करना है हमें ही करना है
हम खुद १ पैसा चंदा नही देंगे और समाज गरीब की मदद करे ऐसा विचार करेंगे तो हमारा ऐसा विचार तर्क हैं होगा जी समाज १ अप्रत्यक्ष रूप में मौजूद संरचना है ,,. अंतर्जातीय विवाह को समाज अनुमति नही देती इसके पीछे तर्क ये है की अगर ऐसा छुट दे देगा तो समाज का अस्तित्व ही नही रहेगा जैसे के हमारे समाज के लड़के पठान सिख गोंड धोबी गांडा चमार आदि समाज से लड़की लायगेगे तो हमारे समाज को किस नाम से जाना जायेगा और जो आरक्षण मिल रही है ओ भी समाप्त हो जायेगा क्योकि आरक्षण विशेष संस्कृति रीती रिवाज के जैसे पांच बिन्दुओ के अनुसार ही प्राप्त है जी ओ सब ,अगर अंतर्जातीय विवाह को अनुमति दे तो समाप्त हो जायेगा और आपको पता ही होगा की समाज अभी इतनी विकास नही कर पाई है की बिना आरक्षण नौकरी पा सके अभी हमारे भाई बहन पढाई लिखाई में बहुत पीछे है कई लोग अच्छा पढ़ने वाले है //१०० मेसे २ परतिशत परन्तु ९८ परशेंट को आज भी आरक्षण की जरुरत है जी,, ये जो समाज है अगर सभी समाज के लोगों को मिलाना चालू कर देगा तो समाज के लड़के लडकिया सब दुसरे समाज की लड़के लडकिया लाना चालू करदेंगे जी फिर कल हल्बा समाज कन्हा गया पता ही नही चल पायेगा ,,
,आप ही बताओ आप की बेटी किसी दुसरे समाज मानलो जाये पठान में चली जाए तो आपको कैसा फिल होगा क्या आप उनके जाने पर कोई एतराज नही होगा ? चलो मैं मेरे गाँव की १ सच्ची घटना बताता हूँ १ हमारे समाज का भाई किसी अन्य जाती के लड़की को लाये तो उन्हें समाज छोड़ दीये जीवन भर के लिए परन्तु उनके बच्चो को समाज में मिला लिए जी ओके कुछ दिन बाद उसकी बड़ी बेटी किसी पठान के यह भाग गई जैसे बाप वैसी बेटा वाले किस्सा ...ओ अपने बेटी से क्या कहा होगा और कुछ कहा भी होगा तो उसकी बेटी बोल भी दी होगी पिता जी आप किये ओ जायज मैं करूँ तो नाजायज फिर पिता क्या बोला होगा या उसका क्या इज्जत रहा होगा? चलो छोडो ये सब उसके बाद उसकी छोटी बेटी भी कंही बड़े बेटी की तरह न भाग जाए करके बेटी को बिना पूछे उनका इच्छा जाने बिना फलदान करवा दिया बाद में लड़की शादी करने से मना कर दी मीटिंग में पुछा गया की क्यों बिना पूछे फलदान करवा दिए तो उस पिता की मुह से १ सब्द निकला ओ सब्द बहुत ही की बड़े बेटी जैसा ये भी न कर ले इस लिए बिना पूछे फलदान करवा दिया
अब ये बताओ जो खुद किसी की बेटी को भगा के लाया है जब उसकी बेटी ऐसा कर रहा है तो दर्द क्यों हो रहा है भाई उन्हें भी अपने पसंद की जिंदगी जीने दो तुम करो तो जायज और तुम्हारे बेटी करें तो नाजायज ये कन्हा की न्याय है भाई...,,, समाज की संस्कृति की चादर क्यों ओड़ना जरुरी है ये ऊपर बता दिया हूँशार्ट कट में फिर भी १ सब्द में सामाजिक संस्कृति के बिना समाज की कोई अस्तित्व नही जिसका सांस्कृतिक स्वरुप नही उस समाज को समाज कहलाने का हक़ नही,../ अगर शादी के बाद कोई किसी अन्य लोगों से संबंध बना के रखता है और समाज में पता चलता है तो उन्हें दण्डित किया जाता है जी ,,,.
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अपना विचार रखने के लिए धन्यवाद ! जय हल्बा जय माँ दंतेश्वरी !