दोस्तो आज दिनांक 10-06-19 को बस्तर क्षेत्र के एक ख्याति प्राप्त और उम्दा साहित्यकार शिव कुमार पांडे जी से मिला ।। पांडे जी के बारे में मैं पहले से बहुत कुछ सुन रखा था, उनकी कई रचनाओं ओर अनुभव के बारे में परंतु जब उनसे मिला तो ऐसा प्रतीत हुआ जैसे मैं इन्हें पहले से जानता हूँ, पांडे जी बहुत ही मिलनसार और अपने साहित्य और लोक मानस के मंतव्य के अच्छे पकड़ ( जानकार ) रखने वाले व हल्बी के बहुत अच्छी जानकार है, कहते है न कि जो जितना बड़े होते है वे उतना ही मिलनसार और सादा जीवन उच्च विचार और और गुणी होता है ये बात पांडे जी पर फिट बैठता है, पांडे जी पेशे से वकील है परंतु इनका रुचि और झुकाव साहित्य की ओर हमेशा से रही है पांडे जी अच्छे मंचन भी कर लेते है अर्थात थियेटर से जुड़े हुए है। साथ ही साथ वर्तमान में वे कई प्रकार के हल्बी कहानी और कविता जो धीरे धीरे गीत और परंपरा इतिहास जो पूर्वजो के साथ एक एक कर नष्ट होने के कगार पर है उन्हें संरक्षित कर रहे है। शिव कुमार पांडे जी मुख्य रूप से हल्बी संरक्षित पर कार्य कर रहे है साथ ही साथ जनजाति परिवेश व उनकी रहन सहन पर विशेष रुचि रखते है उनके कुछ लेख इस प्रकार है #अबुझमाड़_इतिहास_व_संस्कृति #बस्तर_चो_हल्बा_आदिवासी #मावली_मड़ई_नारायणपुर तथा इनके कुछ अन्य लेख का ब्यौरा इस प्रकार है 1. बच्चों के लिए हल्बी किताब #रानचो_मितान #चेंदरू_आरु_बाग_पिला 2.साहित्यिक किताब #बस्तर_के_लोकोत्सव #आदिवासी_बस्तर #बस्तर_की_मुरिया_जनजाति यह प्रकाशनाधिन है साथ ही साथ पांडे जी का कई लेख ख्याति प्राप्त दैनिक समाचार पत्रों ओर पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे है , मैं उनकी अच्छे सवास्थय की कामना करते हुए यह आशा करता हूँ कि आप हमेशा साहित्य के प्रति ऐसे ही समर्पित रहे और हम जैसे नए लोगों का मार्गदर्शन करते रहे साथ ही साथ साहित्य प्रेमियों के लिए नए नए लेख लिखते रहे, आपकी कलम कभी रुकनी न पाए और सभी पाठकों को जानकारी इतिहास संस्कृति और परिवेश के अनछुए पहलुओं पर विचार करने और जानने हेतु हमेशा प्रेरित करते रहे अंत मे एक बार फिर कोटिशः धन्यवाद जो आपने इतनी बिजी होते हुए भी हमारे लिए समय निकालें, हमसे मिले और हमसे चर्चायें किये आपका शुभ चिंतक
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Halba samaj me gotra ki jankari chahiye
ReplyDeleteअपना विचार रखने के लिए धन्यवाद ! जय हल्बा जय माँ दंतेश्वरी !